Black Money (Not Record Cash Sale)

By Shailesh Kanth | Category: Accounts | Published on September 10, 2025

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परिभासा

हमारे मत से काला धन उसे कहना चाहिए जो धन व्यक्ति न तो  अपने लिए खर्च करे न तो दूसरे को करने दे चाहे वह धन Cash में हो या Bank में ।

Cash Sale Record न होने का सबसे बड़ा कारण आम जनता (अंतिम उपभोगता) का पक्का बिल नहीं लेना है। आम जनता (अंतिम उपभोगता) के लिए बिल एक कागज के टुकड़े के आलावा कुछ नहीं है, वही व्यापारी के लिए बिल की कीमत है क्योकि उनको खर्चा बाद मिलता है  और GST में भी फयदा मिलता है। हमें केवल इतना करना है की आम जनता (अंतिम उपभोगता) के लिए बिल की कीमत बनानी होगी।  जैसे  की पक्का बिल लेने वाले को GST में से २०% वापस किया जाये और बिना GST वाले बिल में से 5% वापस किया जाये, ताकि वह भी पक्का बिल लेना सुरु करे जिससे महंगाई दूर होगी।

हम ने MRP कैसे  बनती है यह कही नहीं पढ़ा, परन्तु यदि MRP बनती होगी तो हमारे हिसाबसे इस अनुसार बनती होगी।

MRP Calculation

Particulars

Sale Value

Taxable

Value

GST @

18%

Profit

@ 8%

Income Tax

Total

Tax

Cost

Profit

Total

Rate

Value

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Manufacture

(25% of Cost)

 

1,000

250

1,250

1,250

225

100

30%

30

255

Trasport (1% of Sale Value)

 

 

 

15

1

 

 

 

1

Distributors

(15% of Cost)

1,265

190

1,455

190

34

116

30%

35

69

Trasport (1% of Sale Value)

 

 

 

17

1

 

 

 

1

Retailer (10%

of Cost)

1,472

147

1,619

147

26

130

10%

13

39

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Grand Total :-

287

 

 

78

365

 

MRP Calculation  के Table  में  MRP कैसे बनती है और कितना कर सरकार को मिलता है एक वस्तु बेचने पर वह दर्शाया गया है, परन्तु व्यापर में लोग मन माना MRP बनाते है। । 

Solution

Particulars

100%

90%

80%

70%

60%

50%

 

 

 

 

 

 

 

GST

287

258

230

201

172

144

 

 

 

 

 

 

 

Income Tax

78

70

62

55

47

39

 

 

 

 

 

 

 

Total

365

328

292

256

219

183

 

 

 

 

 

 

 

Less : Refund 20% GST

57

52

46

40

34

 

 

 

 

 

 

 

 

Net Received

308

276

246

216

185

 

यदि हम 20% GST वापस करते है तो क्या होता है वह दर्शाया गया है।  मान लीजिये अभी 50% आदमी पक्का बिल लेता है तो सरकार को 183 रूपये कर मिलते है, आप देख सकते है की जैसे जैसे पक्का बिल लेने वालो की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे सरकार को मिलने वाला कर भी बढ़ता ही जाता है। इस व्यवस्था के कई फायदे है ।

 

१. पक्का बिल उत्पादकता से लेकर अंतिम उपभोगता तक घूमेगा। ।

२  आम जनता (अंतिम उपभोगता) की खरीद शक्ति बढ़ेगी जिससे मंहगाई और आर्थिक मंदी घटेगी।

३ सरकार को पता चलेगा किस्से कितना कर लेना है , क्योकि आम जनता (अंतिम उपभोगता) GST वापसी का याचिका दायर करेंगे।

४ व्यापारी बिल नहीं देगा तो उसे अपने माल की कीमत कम करनी पड़ेगी और यदि बिल देता है तो सरकार कुछ रकम वापस करेंगे दोनी ही सूरत में महंगाई कम होगी।

५ यदि ये व्यवस्था लागु की जाती है तो व्यापारी को बहोत मुश्किल पड़ेगा कर के पैसे को व्यापर में इस्तमाल करना।

६ यदि ये व्यवस्था लागु की जाती है तो खुदरा व्यापारी जैसे की सब्जी वाला , किराना वाला , दूध वाला वगैरे वगैरे के अकाउंट बनाने पड़ेगा , इन सब का अकाउंट बनाने के लिए बहोत सारे  डेटा ऑपरेटर लगभग 10 करोड़ की जरुरत पड़ेगी जिससे बेरोजगारी दूर होगी।

७ लोगो को रोजगार मिलने से अपराध कम होगा।

८ खुदरा व्यपारी को फायदा मिलेगा क्योकि GST वाले व्यापारी से वस्तु खरीद ने से सस्ता बिन GST वालो से वस्तु खरीदना सस्ता पड़ेगा।

हम जानते है की आप लोगो को यह नामुमकिन लग रहा होगा, परन्तु यह संभव है क्योकि इस व्यवस्था को लागु करने के लिये हमें किसी CA की जरुरत नहीं है, केवल डेटा ऑपरेटर चाहिए और हमारे देश में डेटा ऑपरेटर की कमी नहीं है। 

यदि यह व्यवस्था पहले लागु की जाती तो विजय मालिया जैसे लोग सेवा कर के पैसे को व्यापर में इस्तेमाल नहीं कर सकते।

महंगाई और बेरोजगाइ दूर करने का यह सबसे बड़ा असर कारक उपाय है।

धन्यवाद,

शैलेष कंठ

मो 8511105619

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